आज के समय में इंटरनेट और मोबाइल टेक्नोलॉजी ने बहुत प्रगति कर ली है। अब लोग पैसों को लेकर जागरूक हो गए है और पैसे बचाने भी लगे है ताकि भविष्य में उन्हें कोई समस्या न आए। सभी लोगों को अपने अपने हिसाब से बचत करनी चाइए।
आज के समय में भविष्य के लिए बचत करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी पैसों को सही जगह पर निवेश करना भी है, ताकि समय के साथ साथ आपका पैसा बढ़ता रहे और आप पैसे से पैसा कमा सके।
क्या आप भी अपने पैसों को इन्वेस्ट करने का सही तरीका खोज रहे है? क्या आपने भी म्युचुअल फंड और शेयर मार्केट के बारे में सुना है, और इनमे निवेश करना चाहते है? तो आप बिलकुल सही जगह आए है।
वर्तमान समय में पैसों को इन्वेस्ट करने के कई सारे माध्यम है, कई लोग FD में ब्याज के लिए पैसा इन्वेस्ट करते है, कुछ लोग प्रॉपर्टी खरीद लेते है तो कुछ शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में भी निवेश करते है। सभी के अपने अपने फायदे और नुकसान है।
म्यूचुअल फंड अपने पैसों को इन्वेस्ट करने का बहुत ही अच्छा माध्यम है। यहां पर आप केवल 500 रुपए से शुरुआत कर सकते है और धीरे धीरे अपने निवेश को बढ़ा सकते है।
आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको Mutual Fund Kya Hai इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे की आप बहुत ही आसानी से घर बैठे म्यूचुअल फंड में कैसे इन्वेस्ट कर सकते है।
इस ब्लॉग पोस्ट में आप जानेंगे
a. Mutual Fund क्या है?
b. Mutual Fund कितने तरह के होते है?
c. सही म्यूचुअल फंड कैसे चुना जाता है?
d. घर बैठे म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करे?
e. म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के क्या क्या फायदे और नुकसान है?
म्यूचुअल फंड क्या है और कैसे काम करता है । Mutual Fund Kya Hai
Mutual Fund एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमे कई लोगों और इन्वेस्टर से पैसा इक्कट्टा किया जाता है और उसे अलग अलग स्टॉक(Stocks) और बॉन्ड्स (Bonds) में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड एक प्रोफेशनल मैनेजर के द्वारा मैनेज किया जाता है, जो की इन इकट्ठे किए हुए पैसों को अच्छे अच्छे स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करता है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते है की म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है ताकि यह आपको आसानी से समझ आ सके-
मान लीजिए की आप और आपका दोस्त कुछ आम खरीदना चाहते है और आप इसके लिए बाजार जाते है, लेकिन आप देखते है की दुकानदार केवल दर्जन के हिसाब से ही आम बेचता है, यानी आपको 1 दर्जन या 2 दर्जन आम लेने पड़ेंगे। लेकिन आपके पास पूरे 1 दर्जन आम लेने के पैसे नही है। अब इस स्तिथि में आप क्या करेंगे? अब आप और आपका दोस्त दोनो पैसे मिला सकते है और दोनो मिलकर एक दर्जन आम खरीद सकते है, और जब आपको आम मिल जाए तो आप इसे आपस में आधा आधा बांट सकते है।
बिल्कुल इसी तरह म्यूचुअल फंड भी काम करते है। जब लोगों के पास अलग अलग कंपनी के शेयर खरीदने के लिए ज्यादा पैसे नही होते है तो वो सभी अपना पैसा म्युचुअल फंड कंपनी को देते है और इस तरह बहुत पैसा जमा हो जाता है और फिर इन पैसों से म्यूचुअल फंड कंपनी अलग अलग शेयर में इन्वेस्ट करती है।
हम आशा करते है की इस साधारण से उदाहरण से आपको पता चल गया होगा की म्यूचुअल फंड क्या होता है और कैसे काम करता है। आइए अब म्यूचुअल फंड से जुड़े कुछ शब्दो के बारे में जानते है।
Mutual Fund से जुड़े शब्द और परिभाषा
यदि आप पहली बार म्यूचुअल फंड का नाम सुन रहे है या आप पहले से भी इसके बारे में जानते है तो इससे जुड़े हुए कई शब्द और परिभाषा है, जिनके बारे में आपको पता होना जरूरी है। यह सही म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनने में बहुत मदद करते है।
बहुत से लोगों को इन शब्दो का सही मतलब पता नही होता है। यहां पर हम आपको म्यूचुअल फंड से जुड़े 7 से 8 टर्म के बारे में जानकारी देंगे। आइए इनके बारे में जानना शुरू करते है।
1. NAV क्या होता है
NAV का फुल फॉर्म Net Asset Value होता है। जब कोई म्यूचुअल फंड कंपनी आपके पैसों को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके शेयर खरीदती है तो वो उन्हे Units में बांट देती है जिन्हे NAV कहा जाता है। जब शेयर मार्केट में ट्रेडिंग होती है तो शेयर के भाव रोजाना बदलते रहते है इसलिए किसी भी म्युचुअल फंड की NAV भी रोजाना बदलती रहती है। किसी म्यूचुअल फंड की NAV की प्राइस को देखकर आप उसकी परफॉर्मेंस का आइडिया लगा सकते है की उसने पिछले कुछ सालों में कितना रिटर्न दिया है।
यदि NAV का भाव बढ़ रहा होता है तो इसका मतलब है की आपका पैसा जिन कंपनियों में इन्वेस्ट किया गया है उनके शेयर का भाव भी बढ़ रहा है और आपका पैसा भी बढ़ रहा है।
2. फंड मेनेजर क्या होता है?
एक म्यूचुअल फंड को पढ़ा लिखा और प्रोफेशनल व्यक्ति मैनेज करता है, जिसे फंड मैनेजर कहा जाता है। फंड मैनेजर को शेयर मार्केट के बारे में बहुत अधिक नॉलेज होती है, और यह शेयर मार्केट से जुड़ी हर तरह की खबर की जानकारी रखता है।
फंड मैनेजर ही लोगों के पैसे को मैनेज करता है और अच्छे से कंपनियों के बारे में, उनके बिजनेस के बारे में और उनके मैनेजमेंट के बारे में रिसर्च करता है और अच्छी अच्छी कम्पनियों के शेयर में लोगों के पैसों को इन्वेस्ट करता है। फंड मैनेजर की ही जिम्मेदारी होती है की लोगों का पैसा सुरक्षित रहे और सही जगह इन्वेस्ट हो।
3. एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) क्या होती है
एक AMC और एसेट मैनेजमेंट कंपनी एक फर्म होती है जो की Mutual Fund के माध्यम से लोगों से पैसा इकट्ठा करती है और इसे कई कंपनियों के स्टॉक, सरकारी बॉन्ड और रियल एस्टेट(Real Estate) में इन्वेस्ट करती है।
एक AMC लोगों के पैसों को सही जगह इन्वेस्ट करने और इन्वेस्टर को सही जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होती है। ICICI, Kotak, Reliance और Tata एसेट मैनेजमेंट कम्पनियों के कुछ उदाहरण है जो की भारत में म्यूचुअल फंड का बिजनेस चलाती है।
4. न्यू फंड ऑफर (NFO) क्या होता है
जब कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) कोई नई म्यूचुअल फंड स्कीम को मार्केट में लॉन्च करती है तो उसे New Fund Offer (NFO) कहा जाता है।
5. SIP क्या होता है
SIP का फुल फॉर्म Systematic Investment Plan होता है। इसमें आपको हर महीने किसी म्यूचुअल फंड में एक फिक्स पैसा इन्वेस्ट करना होता है। यहां पर आप केवल 500 रुपए महीने से इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है।
SIP उन लोगों के लिए सबसे बेस्ट होता है जो की हर महीने अपनी इनकम या सैलरी में से कुछ बचत करना चाहते है और इन्वेस्ट करना चाहते है, इस तरह वह SIP शुरू कर सकते है जिससे हर महीने कुछ पैसा ऑटोमैटिक आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है और म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट हो जाता है।
6. Lumpsum क्या होता है
जब आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में हर महीने इन्वेस्ट ना करके एक साथ ही पूरा पैसा इन्वेस्ट कर देते है तो इसे Lumpsum कहा जाता है।
7. Expense Ratio
जब आप किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है तो आपके पैसों को मैनेज करने और सही जगह इन्वेस्ट करने के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा आपसे कुछ फीस ली जाती है, जिसे ही Expense Ratio कहा जाता है। यह 0.5% से लेकर 1% तक हो सकता है।
इसलिए जब भी आप किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करे तो उसके Expense Ratio को जरूर देखे।
8. SWP ( Systemic Withdrawal Plan)
म्यूचुअल फंड कंपनी अपने ग्राहकों को एक सुविधा देती है जिसके माध्यम से आप हर महीने कुछ पैसे अपने म्यूचुअल फंड से निकाल सकते है। यदि आप यह सुविधा लेते है तो हर महीने कुछ पैसे ऑटोमैटिक आपके म्यूचुअल फंड से कट जाते है और आपके बैंक अकाउंट में आ जाते है, इसे ही म्यूचुअल फंड की भाषा में SWP कहा जाता है।
जो लोग जॉब से रिटायर हो जाते है, वो लोग ये सुविधा ले सकते है जिससे उनको हर महीने इनकम आने लगती है।
Mutual Fund के प्रकार
आज के समय में म्यूचुअल फंड की इंडस्ट्री बहुत बड़ी हो गई है और ये भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देती है। आज के समय में हर इंसान की महीने की इनकम अलग अलग है और उनके भविष्य के गोल और रिस्क लेने की क्षमता भी अलग अलग है। इसलिए भारतीय बाजार में अलग अलग तरह के Mutual Fund उपलब्ध है।
सभी म्यूचुअल फंड अलग अलग तरह से पैसों को इन्वेस्ट करते है। आइए एक एक करके इन सभी Mutual Fund के बारे में विस्तार से जानते है-
1. इक्विटी फंड (Equity Fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) अपना अधिकतर पैसा शेयर मार्केट और स्टॉक में इन्वेस्ट करते है। इन्हे ग्रोथ फंड भी कहा जाता है। इन म्यूचुअल फंड में थोड़ा ज्यादा रिस्क होता है, लेकिन यदि आप इनमे लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करते है तो आपको बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है। ये हाई रिस्क और हाई रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड होते है।
Equity Fund कई तरह के होते है जैसे की
1. Large Cap Fund – ये केवल बड़ी बड़ी और अच्छी कंपनियों में इन्वेस्ट करते है। ये फंड ज्यादा सुरक्षित होते है।
2. Mid Cap Fund – ये केवल मध्यम आकार की कंपनियों में इन्वेस्ट करते है।
3. Small Cap Fund – ये केवल छोटे आकार की और नई कंपनियों में इन्वेस्ट करते है, इनमे रिस्क ज्यादा होता है।
2. डेट फंड (Debt Fund)
Debt Fund अपना अधिकतर पैसा सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और मनी मार्केट में इन्वेस्ट करते है। ये इक्विटी फंड की तुलना में बहुत कम रिस्क वाले होते है, लेकिन साथ ही इनका रिटर्न भी कम होता है। यानी ये लो रिस्क और लो रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड होते है। यदि आप अपने पैसों पर ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते है तो आप Debt Fund में इन्वेस्ट कर सकते है।
3. इंडेक्स फंड (Index Fund)
Index Fund वो फंड होते है जो अपना अधिकतर पैसा किसी इंडेक्स की कंपनियों में इन्वेस्ट करते है। यदि किसी इंडेक्स फंड का नाम Nifty 50 Index Fund है तो इसका मतलब है की वो अपना पूरा पैसा Nifty 50 इंडेक्स की कंपनियों में इन्वेस्ट करते है।
साथ ही Index Fund का कोई मैनेजर नहीं होता है क्योंकि इनको कोई रिसर्च नही करनी पड़ती है ये सीधे लोगों से पैसा लेते है और उन्हें इंडेक्स की कंपनियों के हिसाब से इन्वेस्ट कर देते है, इसलिए इन फंड की फीस भी बहुत कम होती है।
यदि आपको कुछ भी समझ नही आता है की आपको किस म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाइए तो आप Index Fund में अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते है। यहां पर निवेश किया गया आपका पैसा देश की बड़ी और टॉप कंपनियों में लगाया जाता है, जिससे आपका रिस्क कम हो जाता है और जिस तरह देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती जाती है उसी तरह आपका इन्वेस्ट किया हुआ पैसा भी बढ़ता है।
4. बैलेंस म्यूचुअल फंड (Balanced Mutual Fund)
Balanced Mutual Fund वो फंड होते है जो की अपना पैसा एक से अधिक चीजों में इन्वेस्ट करते है, ये अपने रिस्क को बैलेंस करके इन्वेस्ट करते है इसलिए इनको Balanced Mutual Fund कहा जाता है।
ये म्यूचुअल फंड अपना पैसा शेयर मार्केट, सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड आदि में इन्वेस्ट करते है। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से इनके हाई रिटर्न के चांस बढ़ जाते है जबकि बॉन्ड में इन्वेस्ट करने से इनका रिस्क कम हो जाता है। इस तरह ये अपने रिस्क को बैलेंस करके निवेश करते है।
यदि आप ऐसे फंड की तलाश कर रहे है जिसमे मीडियम लेवल का रिस्क हो तो आपको निश्चित रूप से Balanced Mutual Fund में इन्वेस्ट करना चाइए।
5. Tax Saving Mutual Fund या ELSS फंड
Tax सेविंग म्यूचुअल फंड को ELSS फंड भी कहा जाता है। ये म्यूचुअल फंड अपने पैसे को शेयर मार्केट और बॉन्ड दोनो में इन्वेस्ट करते है। जैसा की इसके नाम से पता चल रहा है की यदि आप ELSS म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है तो आपको टैक्स में छूट दी जाती है।
लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है की इन फंड में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है, इसका मतलब है की आप इनमे इन्वेस्ट करने के बाद 3 साल तक उस पैसे को नही निकाल सकते है। आप ELSS फंड में कितना भी पैसा इन्वेस्ट कर सकते है, इसकी कोई लिमिट नहीं है लेकिन आपको केवल 1.5 लाख रुपए पर ही टैक्स की छूट दी जाती है, इससे ज्यादा पैसे इन्वेस्ट करने पर आपको टैक्स में छूट नहीं मिलती है।
यदि आपकी सालाना इनकम 3 लाख से अधिक है तो आपको भारत सरकार को टैक्स देना पड़ता है इसलिए आप इन ELSS फंड में कुछ पैसे इन्वेस्ट करके अपना कुछ टैक्स बचा सकते है। साथ ही यह भी ध्यान रखे की इन फंड में उस पैसे को ही इन्वेस्ट करे जिसकी जरूरत आपको 3 साल तक ना पड़े।
6. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund)
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को ETF भी कहा जाता है। यह ऐसे म्यूचुअल फंड होते है जो की स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते है, इसका मतलब है की आप पूरे दिन में कभी भी इन म्यूचुअल फंड को खरीद सकते है और बेच सकते है। लेकिन दूसरे तरह के म्यूचुअल फंड को आप केवल दिन के अंत में ही खरीद और बेच सकते है।
ETF म्यूचुअल फंड की फीस भी अन्य तरह के म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होती है लेकिन ये समझने में थोड़े कठिन होते है। इसलिए आपको इनके बारे में अच्छे से रिसर्च करनी चाइए उसके बाद ही इन्वेस्ट करना चाइए।
7. हेज फंड (Hedge Fund )
हेज फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड ही होता है जो की ज्यादा प्रॉफिट कमाने के लिए ज्यादा रिस्क लेते है। हेज फंड साधारण लोगों के लिए नही होता है इसमें केवल वो ही लोग इन्वेस्ट कर सकते है जिनकी नेट वर्थ 1 मिलियन डॉलर से अधिक होती है, इसका मतलब है की इनमे केवल बहुत अधिक पैसे वाले लोग ही इन्वेस्ट करते है जो की ज्यादा रिस्क ले सकते है।
यह फंड अपना पैसा कंपनियों के शेयर में, बॉन्ड में, फ्यूचर और ऑप्शन में, गोल्ड में और Oil में भी इन्वेस्ट करते है। यह फंड Future और Option में इन्वेस्ट करते है इसलिए इनमे रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इन फंड की फीस भी अन्य म्यूचुअल फंड की तुलना में अधिक होती है।
यदि आप अभी इन्वेस्ट करने की शुरुआत ही कर रहे है तो आपको हेज फंड के बारे में नही सोचना चाइए, यह शुरुआती लोगों के लिए नही होते है, इनमे केवल वही लोग इन्वेस्ट कर सकते है जिनके पास बहुत अधिक पैसा होता है और जो अधिक रिस्क ले सकते है।
हम उम्मीद करते है की यहां पर बताए गए म्यूचुअल फंड के सभी प्रकार आपको समझ आ गए होंगे। इसलिए जब भी आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने का सोचे तो सबसे पहले अपने रिस्क और अपने लक्ष्य को देखे और उसी के हिसाब से म्यूचुअल फंड को चुने की आपको किस तरह के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाइए।
सही म्यूचुअल फंड कैसे चुने
आज के समय में भारतीय बाजार में कई तरह के म्यूचुअल फंड उपलब्ध है। हर एक म्यूचुअल फंड का रिस्क और लक्ष्य अलग अलग होता है। कई तरह के म्यूचुअल फंड होने से लोग कन्फ्यूज हो जाते है की उनको किस तरह के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाइए। यहां पर हम आपको कुछ ऐसे प्वाइंट और टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने लिए एक अच्छा Mutual Fund चुन सकते है और उसमे निवेश कर सकते है। आइए इसके बारे में जानते है-
1. किसी भी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले अपना गोल और लक्ष्य चुने, की आप किस लिए इन्वेस्ट करना चाहते है। क्या आपको भविष्य में कार खरीदनी है, घर खरीदना है, विदेश घूमने जाना है, बच्चो की शादी करनी है, बच्चो को पढ़ने के लिए विदेश भेजना है या अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करनी है।
एक बार जब आपका गोल फाइनल हो जाए तो अब यह सोचे की आपके गोल को पाने के लिए आपको कितना प्रतिशत रिटर्न चाइए और वो रिटर्न आपको किस तरह के म्यूचुअल फंड से मिल सकता है। इस तरह इन सभी बातों और अपने गोल को ध्यान में रखकर कुछ अच्छे म्यूचुअल फंड की एक लिस्ट बनाए। हम आगे और भी टिप्स बताएंगे जिससे ये लिस्ट और भी छोटी होती जायेगी और आप अपने लिए एक सही म्यूचुअल फंड चुन सकेंगे।
2. Mutual Fund में इन्वेस्ट करने से पहले अपना रिस्क देखना सबसे जरूरी है, यह देखे की आप अपने पैसों पर कितना रिस्क ले सकते है। यदि आप ज्यादा रिस्क ले सकते है तो आप इक्विटी म्यूचुअल फंड और Small Cap फंड में इन्वेस्ट कर सकते है और यदि आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते है तो आप Large Cap या Debt Fund में निवेश कर सकते है। इस तरह आप अपने रिस्क का एनालिसिस करके ऊपर बनाई लिस्ट को और भी छोटा कर सकते है और अपने लिए सही म्यूचुअल फंड निकाल सकते है।
3. बहुत से म्यूचुअल फंड में लॉक इन पीरियड होता है इसका मतलब है की कुछ समय के लिए आप अपने पैसे को नही निकाल सकते है। इसलिए किसी भी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी लिक्विडिटी देखना बहुत जरूरी है। लिक्विडिटी का मतलब है की जब आपको जरूरत पड़े तब आप उस म्यूचुअल फंड को बेच सके और अपने पैसों को बैंक अकाउंट में निकाल सके। इसलिए लिक्विडिटी को भी ध्यान में रखकर आप उस लिस्ट को और छोटा कर सकते है।
4. किसी भी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी पिछली परफॉर्मेंस को भी ज़रूर देखें, यह देखे की उस फंड ने पिछले 3 से 5 सालों में कैसा रिटर्न दिया है, जब मार्केट डाउन था तब उसने कैसा रिटर्न दिया है, उस फंड का मैनेजर कौन है, उसका एक्सपीरियंस कितना है। इस तरह इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी म्यूचुअल फंड की लिस्ट को और छोटा कर सकते है।
5. जब कोई म्यूचुअल फंड आपके पैसों को मैनेज करता है और उन्हें सही जगह इन्वेस्ट करता है तो उसके द्वारा कुछ फीस ली जाती है जिसे Expense Ratio कहते है इसलिए किसी भी Mutual Fund में इन्वेस्ट करने से पहले उसका Expense Ratio भी जरूर देखे। ऐसे म्यूचुअल फंड का चुनाव करे जिसकी फीस कम से कम हो, ताकि आप ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कमा सके।
6. कुछ लोग म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है और बहुत कम समय में ही उसे वापस बेच देते है, ऐसे में म्यूचुअल फंड के द्वारा आप पर Exit Load लगाया जाता है, जिससे आपका प्रोफिट कम हो जाता है।
इसलिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले उसका Exit Load भी चेक करे। ऐसे म्यूचुअल फंड का चुनाव करे जिसका Exit Load सबसे कम हो या नही के बराबर हो। ताकि यदि आप कम समय में भी अपने पैसों को निकाल ले तो आपको ज्यादा नुकसान ना हो।
इस तरह इन सभी टिप्स और नियमों को फॉलो करने पर आपके पास ऐसे म्यूचुअल फंड की लिस्ट होगी जो की आपके गोल और लक्ष्य के हिसाब से होगी। साथ ही उसमे ऐसे म्यूचुअल फंड होंगे जो की आपके रिस्क के हिसाब से होंगे।
इस तरह आप इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अपने लिए एक सही और अच्छा म्यूचुअल फंड चुन सकते है।
Mutual Fund में निवेश करने के लिए जरूरी चीजें
जब भी आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते है तो आपको कुछ चीजों की जरूरत होती है, आइए उनके बारे में विस्तार से जानते है-
1. पैसा
Mutual Fund में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे जरूरी चीज पैसा है। शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के लिए अधिक पैसों की जरूरत होती है लेकिन म्यूचुअल फंड में आप केवल 500 रुपए हर महीने से शुरुआत कर सकते है, यहां पर आपको ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं होती है। बाद में आप और अधिक पैसा इन्वेस्ट कर सकते है।
2. डीमैट अकाउंट
आज के समय में भारत सरकार ने शेयर और म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट को अनिवार्य कर दिया है, इसके बिना आप किसी भी कंपनी के शेयर या म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट नही कर सकते है। इसलिए सबसे पहले अपना एक डीमैट अकाउंट खुलवाए।
यदि आपने अभी तक अपना डीमैट अकाउंट नही खोला है तो हमने इस पर एक डिटेल पोस्ट लिखी है, जहां पर हमने डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे खोला जाता है और किन किन डॉक्यूमेंट की ज़रूरत होती है, इसके बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके उसे जरूर पढ़े।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे
अब तक आपको पता चल गया है की म्यूचुअल फंड क्या होता है और कितनी तरह के होते है। हम उम्मीद करते है की ऊपर बताई गई जानकारी के आधार पर आपने अपने लिए सही म्यूचुअल फंड चुन लिया होगा। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की हम म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे कर सकते है।
Groww एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है जहां से आप शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है। यहां पर हम आपको Groww एप की मदद से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बारे में बताएंगे। आइए इसके बारे में जानना शुरू करते है-
1. म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। इसलिए यदि आपने अभी तक अपना डीमैट अकाउंट नही खुलवाया है तो नीचे दिए लिंक को क्लिक करे और Groww एप में अपना डीमैट अकाउंट खोल ले। 1 से 2 दिन में आपका डीमैट अकाउंट खुल जायेगा उसके बाद आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है।
2. डीमैट अकाउंट खुल जाने के बाद अपने मोबाइल पर Groww App को ओपन करे।
3. इसके बाद एप में सबसे नीचे आपको Mutual Fund का सेक्शन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करे। यहां पर आपको सभी तरह के म्यूचुअल फंड दिखाई देंगे जैसे की- Large Cap, Mid Cap, Small Cap, Debt Fund, Tax Saving Fund आदि।
4. पहले आपको यह निर्णय लेना है की आप किस तरह के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते है और किस कंपनी के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते है। उदाहरण के लिए मान लेते है की आप Nippon India Small Cap Fund में इन्वेस्ट करना चाहते है, तो Groww App में सबसे ऊपर आपको सर्च का बॉक्स दिखाई देगा, वहां पर इस फंड के बारे में सर्च करे और उस पर क्लिक करे।
5. अब आपको अगली स्क्रीन दिखाई देगी जहां पर उस म्यूचुअल फंड के बारे में कई तरह की जानकारी होगी। जैसे की- इस फंड का परफॉर्मेंस कैसा है, इसका रिस्क कितना है, इसकी NAV कितनी चल रही है, इसका Expense Ratio क्या है।
6. इस पेज पर नीचे की तरफ आपको म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के दो ऑप्शन दिखाई देंगे, One-Time और Start SIP।
यदि आप सारा पैसा एक साथ इन्वेस्ट करना चाहते है तो One Time पर क्लिक करे और यदि आप हर महीने कुछ न कुछ पैसे इन्वेस्ट करना चाहते है तो Start SIP बटन पर क्लिक करे। हम मान लेते है की आप एक साथ ही पूरा पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है तो One Time बटन पर क्लिक करे।
7. अब आपको अगली स्क्रीन दिखाई देगी, जहां पर आपसे ये पूछा जायेगा की आप कितना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है। उसके बारे में जानकर दे और Invest Now बटन पर क्लिक करे।
8. इसके बाद आपको अगली स्क्रीन दिखाई देगी जहां पर आपको पेमेंट करना होगा। यहां पर आपको पेमेंट करने के कई ऑप्शन मिलते है जैसे की- UPI, नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड आदि। आप किसी भी तरीके से पेमेंट कर सकते है।
9. इस तरह आपका ऑर्डर लग जायेगा जिसे आप Order के सेक्शन में जाकर देख सकते है और 1 से 2 वर्किंग दिन में आपका पैसा उस Mutual Fund में इन्वेस्ट हो जायेगा।
इस तरह यहां पर बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से किसी भी Mutual Fund में इनवेस्ट कर सकते है।
Mutual Fund में निवेश करने के फायदे
आज के समय में म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के कई फायदे है। आइए इन फायदों के बारे में जानते है-
1. कम पैसों में निवेश शुरू
यदि आप किसी अच्छी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते है या किसी बैंक में FD करवाना चाहते है तो आपको अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है। लेकिन म्यूचुअल फंड में आप केवल 500 रुपए से शुरू कर सकते है। कुछ म्यूचुअल फंड में तो आप महीने के 100 रुपए भी इन्वेस्ट कर सकते है।
इस तरह आप म्यूचुअल फंड में बहुत कम पैसों में निवेश शुरू कर सकते है। इस तरह जिन लोगों की सैलरी कम होती है या जो लोग कम बचत कर पाते है, वो भी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है।
2. कम पैसों में ज्यादा शेयर
म्यूचुअल फंड कंपनी आपके जैसे कई लोगों से पैसे लेती है और इसे अलग अलग तरह की अच्छी अच्छी छोटी और बड़ी कंपनियों के शेयर में इन्वेस्ट करती है। इस तरह आपको कम पैसों में ही कई कंपनियों के शेयर मिल जाते है। इसे डायवर्सिफिकेशन कहा जाता है।
यदि आप 500 रुपए से शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना शुरू करते है, तो ज्यादा से ज्यादा 2 या 3 कंपनियों के शेयर खरीद सकते है, लेकिन यदि आप 500 रुपए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है, तो आपको कई कंपनियों के शेयर मिल जाते है। इस तरह आपका रिस्क भी कम हो जाता है।
3. सभी तरह के म्यूचुअल फंड उपलब्ध है
भारतीय बाजार में लगभग सभी तरह के म्यूचुअल फंड उपलब्ध है, कुछ म्यूचुअल फंड लोन में, कुछ शेयर मार्केट में और कुछ इंडेक्स में इन्वेस्ट करते है। यहां पर हाई रिस्क और Low रिस्क वाले म्यूचुअल फंड भी उपलब्ध है।
इस तरह आप अपने Goal के हिसाब से म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते है, और उसमे इन्वेस्ट कर सकते है। यदि आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते है तो आप Low रिस्क वाले म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है। इस तरह यह म्यूचुअल फंड का अच्छा फायदा है।
4. प्रोफेशनल मैनेज करते है
Mutual Fund में इनवेस्ट करने का सबसे बड़ा फायदा यह है की इनको प्रोफेशनल मैनेजर के द्वारा मैनेज किया जाता है। जिनको शेयर मार्केट की बहुत अधिक नॉलेज और अनुभव होता है। उनके पास रिसर्च करने के लिए भी टीम होती है जो दिन रात मेहनत करती है, कई कंपनियों के डाटा पर नजर रखती है, उनकी परफॉर्मेंस को देखती है, और इस तरह अच्छी अच्छी कंपनियों में आपका पैसा इन्वेस्ट किया जाता है, और समय समय पर पोर्टफोलियो में बदलाव भी किया जाता है।
इस तरह यदि आप म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है तो आपको अपने पैसों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह बहुत बहुत पढ़े लिखे और अनुभवी लोगों के द्वारा मैनेज किया जाता है।
5. लिक्विडिटी (Liquidity)
Liquidity का मतलब होता है की जरूरत पड़ने पर पैसा निकाल लेना, और यह म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा होता है। यदि आप किसी बैंक में FD करवाते है तो आपका पैसा कुछ सालों के लिए लॉक हो जाता है आप उसे निकाल नही सकते है। लेकिन म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं है, आप जरूरत पड़ने पर अपने म्यूचुअल फंड को बेच सकते है और कभी भी अपने पैसे को बैंक अकाउंट में निकाल सकते है।
इस तरह म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन है जो शॉर्ट टर्म या कम समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है, और वो जरूरत पड़ने पर अपने पैसे को वापस निकाल सकते है।
6. निवेश करना आसान है
यदि आप किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने का सोच रहे है तो आपको कंपनियों की अच्छे से रिसर्च करनी पड़ती है, उनकी रिपोर्ट पढ़नी होती है लेकिन म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना बहुत आसान है। आपको केवल एक बार म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना होता है उसके बाद फंड मैनेजर सारा काम करता है, रिसर्च करता है, अच्छी अच्छी कंपनियों ढूंढता है और आपके पैसे को निवेश करता है। म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बाद आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती है।
7. टैक्स बचा सकते है
यदि आप भारत देश में रहते है तो आपको 3 लाख रुपए से अधिक की इनकम होने पर टैक्स देना पड़ता है। लेकिन कुछ ऐसे भी म्युचुअल फंड है जिनमे इन्वेस्ट करने पर आप कुछ टैक्स बचा सकते है, इन्हे ELSS फंड कहा जाता है। इस तरह आप टैक्स बचाने के लिए ELSS फंड में इन्वेस्ट कर सकते है।
कुछ म्यूचुअल फंड आपको Dividend भी देते है जो की टैक्स फ्री होते है, इसका मतलब है की इन Dividend से होने वाली इनकम पर भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है।
इस तरह आप सही से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करके अपना टैक्स बचा सकते है और यह म्यूचुअल फंड का बहुत अच्छा फायदा है।
Mutual Fund में निवेश करने के रिस्क
म्युचुअल फंड अपने पैसों को इन्वेस्ट करने और पैसों को बढ़ाने का बहुत अच्छा तरीका है। आज के समय में बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है और अच्छा प्रॉफिट कमाते है। लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश करने की कुछ कमियां और रिस्क भी है, आइए उनके बारे में जानते है-
1. रिटर्न की गारंटी नही
यह बात तो आपने सुनी ही होगी की “Mutual Funds Are Subjected To Market Risks” इसका मतलब है की म्यूचुअल फंड में रिस्क होता है जो की मार्केट पर डिपेंड करता है। जब आप किसी बैंक में FD करवाते है तो बैंक आपको 6% का फिक्स रिटर्न देता है|
लेकिन जब आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करते है तो आपको कितना रिटर्न मिलेगा इस बात की कोई गारंटी नही होती है, यह शेयर मार्केट की तेजी और मंदी पर निर्भर करता है लेकिन म्यूचुअल फंड को बहुत पढ़े लिखे और प्रोफेशनल मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है जो आपके पैसों को सही जगह इन्वेस्ट करते है। इसलिए आपको डरने की जरूरत नहीं होती है।
2. कुछ म्युचुअल फंड में लॉक पीरियड होता है
यदि आप अपना पैसा किसी बैंक अकाउंट में रखते है तो जरूरत पड़ने पर आप उसे बैंक जाकर निकाल सकते है लेकिन यदि आप म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है तो कुछ म्यूचुअल फंड ऐसे होते है जिनमे लॉक इन पीरियड होता है, यानी आप कुछ समय तक अपने पैसे को नही निकाल सकते है। इसलिए आप ऐसे पैसे को ही इन्वेस्ट करे जिसकी आप को बाद में कुछ समय के लिए जरूरत न हो।
3. म्युचुअल फंड की फीस
म्यूचुअल फंड को बहुत पढ़े लिखे और अनुभवी लोगों के द्वारा मैनेज किया जाता है, ताकि आपके पैसे को सही जगह इन्वेस्ट किया जा सके। इसलिए जब आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते है तो आपको कुछ फीस देनी पड़ती है।
4. हमारा कंट्रोल नही होता है
जब आप अपने पैसे को किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है तो आपके पैसे पर पूरा हक म्यूचुअल फंड मैनेजर का होता है। वह उस पैसे को अपने हिसाब से अच्छी अच्छी कंपनियों में इन्वेस्ट करता है, ताकि आपको अच्छा रिटर्न दे सके। किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बाद आपके पैसे पर आपका कंट्रोल नही होता है।
Conclusion
हम आशा करते है की Mutual Fund Kya Hai इसके बारे में यहां पर दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिला होगा।
आज के समय में म्यूचुअल फंड अपने पैसों को इन्वेस्ट करने का बहुत अच्छा तरीका है। यदि आपको शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आपको म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाइए। यहां पर इन्वेस्ट करना बहुत आसान होता है और आप अपने घर बैठे मोबाइल फोन की मदद से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है।
यहां पर बताई गई जानकारी के आधार पर आप अपने गोल और रिस्क के हिसाब से अपने लिए एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुन सकते है और उसमे इन्वेस्ट कर सकते है।
इस पोस्ट को अपने दोस्तो और परिवार के लोगों के लोगों के साथ जरूर शेयर करे ताकि वो भी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बारे में जान सके और अपने पैसों को सही जगह इन्वेस्ट कर सके।
FAQs
1. Mutual Fund में इन्वेस्ट करने के लिए कितने रुपए की जरूरत होती है?
Mutual Fund में इन्वेस्ट करना बहुत आसान है, यहां निवेश करने के लिए आपको ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं होती है। यहां पर आप केवल 500 रुपए महीने से ही शुरू कर सकते है, कुछ म्यूचुअल फंड में तो आप केवल 100 रुपए महीने से भी शुरू कर सकते है।
2. हम म्यूचुअल फंड में कैसे इन्वेस्ट कर सकते है?
आज के समय में ऑनलाइन कई मोबाईल Apps आ गई है जिनकी मदद से आप घर बैठे ही किसी भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है। इस पोस्ट में हमने Groww App के माध्यम से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, आप उसे पढ़ सकते है और म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते है।
3. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के क्या फायदे है?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे है जिनके बारे में हमने इस पोस्ट में विस्तार से जानकारी दी है। यहां आप कम पैसों से शुरू कर सकते है और अपने पैसों को बढ़ा सकते है।
4. हम सही म्यूचुअल फंड कैसे चुन सकते है?
आज के समय में भारत में कई तरह के म्यूचुअल फंड उपलब्ध है। हर किसी व्यक्ति की रिस्क लेने की क्षमता अलग अलग होती है इसलिए आपको अपने गोल और रिस्क के आधार पर म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाइए। सही म्यूचुअल फंड चुनने के बारे में इस पोस्ट में विस्तार से बताया गया है, आप उसे पढ़ सकते है।
5. क्या हम लंबे समय के लिए Mutual Fund में इन्वेस्ट कर सकते है?
Mutual Fund में लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनो के लिए इन्वेस्ट किया जा सकता है। यदि आप लंबे समय के लिए किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते है, तो आपको प्रॉफिट होने के चांस बढ़ जाते है।