शेयर खरीदने से पहले क्या क्या देखना चाइए | 17 महत्वपूर्ण बातें

दोस्तों आज के समय में बहुत से लोग शेयर मार्केट के बारे में जानने लगे है और इन्वेस्ट भी करना चाहते है लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है की किसी कम्पनी के शेयर खरीदने से पहले क्या देखना चाइए?

आज के समय में मोबाइल और इंटरनेट ने इतनी तरक्की कर ली है की अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है और अपने मोबाइल से शेयर मार्केट में पैसा लगा सकते है। इसलिए बहुत से लोग जल्दीबाजी में अकाउंट खुलवाकर बिना जानकारी के किसी भी शेयर में पैसा इन्वेस्ट कर देते है। जिससे बहुत से लोगों को नुकसान होता है।

दोस्तों शेयर बाजार में पैसा इन्वेस्ट करना इतना आसान नहीं है, इसके लिए आपको कंपनी के बारे में बहुत सी चीजें देखनी पड़ती है और उनका एनालिसिस करना पड़ता है।

अगर आप भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते है और किसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते है और आपको समझ नही आ रहा है की किस कंपनी के शेयर खरीदे और उनके बारे में क्या क्या देखे, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको ऐसे ही 17 महत्वपूर्ण प्वाइंट बताएंगे, जिनका उपयोग करके आप अच्छे शेयर ढूंढ सकते है और उनमें पैसा इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न कमा सकते है।

आप इसे एक तरह से चेकलिस्ट समझ सकते है और इसके उपयोग से आप पता लगा सकते है की आपको किसी शेयर में इन्वेस्ट करना चाइए या नहीं करना चाइए। आइए अब विस्तार से जानते है की किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करने से पहले क्या क्या चीजें देखनी चाइए।

 
 
 
 
 
 

1. कंपनी के सेक्टर और इंडस्ट्री में ग्रोथ होनी चाइए

दोस्तों यदि आप किसी भी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते है तो सबसे पहले यह देखना जरूरी है की कंपनी किस इंडस्ट्री या सेक्टर में काम करती है, और उस सेक्टर में ग्रोथ पोटेंशियल क्या है। क्या वो इंडस्ट्री ग्रो कर रही है या उसमे गिरावट आ रही है।

दोस्तों हर एक कंपनी किसी न किसी सेक्टर में काम करती है और कभी न कभी हर एक सेक्टर और इंडस्ट्री को बुरे दिन देखने पड़ते है। जैसे यदि उदाहरण के तौर पर बात करे तो कोरोना के समय पर लॉकडाउन लगने से सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए थे, और कई लोगों की नौकरियां चली गई थी, इस वजह से ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री, मूवी इंडस्ट्री, ऑयल और गैस इंडस्ट्री को बहुत नुकसान हुआ था, क्योंकि इनके प्रोडक्ट की डिमांड बहुत ज्यादा घट गयी थी। 

इसलिए आप जब भी किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करे तो यह देखे की इंडस्ट्री पिछले कुछ सालों से ग्रो करनी चाइए। उदाहरण के रूप में बात करे तो इलेक्ट्रिक व्हीकल और सोलर पावर की इंडस्ट्री पिछले 4 से 5 सालों से अच्छे से ग्रो कर रही है। इस तरह सबसे पहले कंपनी के सेक्टर को देखना बहुत जरूरी है।

2. कंपनी का बिजनेस मॉडल समझने की कोशिश करे

दोस्तों बिजनेस मॉडल का मतलब होता है की कंपनी बिजनेस कैसे करती है और पैसा कैसे कमाती है। किसी भी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले आपको उस कम्पनी का बिजनेस मॉडल पता होना बहुत जरूरी है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल देखते समय आपको देखना चाइए की-
1. कंपनी क्या क्या प्रोडक्ट बेचते है।
2. कंपनी के टारगेट कस्टमर कौन कौनसे है।
3. उसकी कंपटीटर कंपनी कौन कौनसी है।
4. कंपनी का कौनसा प्रोडक्ट सबसे ज्यादा बिकता है।
5. सरकार की कौन कौनसी योजनाओं से कंपनी को फायदा होता है।
6. कंपनी सबसे ज्यादा पैसा किस काम में खर्च करती है यानी इनका मेजर एक्सपेंस क्या है।
7. क्या कंपनी के पास कोई कॉम्पिटिशन एडवांटेज है, जिस वजह से दूसरी कंपनी का उस सेक्टर में आना बहुत मुश्किल है।
8. पिछले कुछ सालों में कंपनी को बिजनेस करने में कौन कौनसी प्रॉब्लम आई है और उन्होंने उसे कैसे हैंडल किया है।
9. क्या कंपनी को नया प्रोडक्ट लॉन्च करने में कोई प्रॉब्लम आती है।
10. कंपनी का बिजनेस कौन कौनसे सेक्टर से जुड़ा हुआ है।

इस तरह आपको हर तरह से कंपनी के बिजनेस के बारे में  सोचना पड़ता है, और उसका एनालिसिस करना पड़ता है।

दोस्तों ऊपर लिस्ट में बताया गया आखिरी प्वाइंट देखना बहुत जरूरी है की आपको इस बात का पता होना चाइए की कंपनी का बिजनेस किस किस सेक्टर और इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। यदि उस सेक्टर में कोई प्रॉब्लम आती है तो उसका प्रभाव आपके द्वारा इन्वेस्ट किए गई कम्पनी पर भी पड़ता है।

अगर इसे एक उदाहरण से समझे तो Godrej Properties कंपनी मुख्य रूप से फ्लैट बेचने का काम करती है और फ्लैट खरीदने के लिए लोग ज्यादातर बैंक से लोन लेते है, इस तरह Godrej कंपनी का बिजनेस लोन और बेकिंग सेक्टर से जुड़ा हुआ है, यदि भविष्य में सरकार की कोई नीति आ जाती है, या रिजर्व बैंक का कोई नोटिस आ जाता है जिस वजह से होम लोन महंगे हो जाते है तो इसका प्रभाव Godrej कंपनी के बिजनेस पर भी पड़ता है, फ्लैट महंगे हो सकते है और इस वजह से उसकी शेयर प्राइस ऊपर और नीचे हो सकती है।

ठीक उसी तरह टाटा मोटर्स मुख्य रूप से कार और ट्रक बनाने का काम करती है, जिनमे स्टील का उपयोग किया जाता है, यदि स्टील सेक्टर में कोई प्रॉब्लम आती है या स्टील के भाव बढ़ जाते है तो उसका प्रभाव टाटा मोटर्स के बिजनेस पर भी पड़ता है।

इस तरह आपको किसी भी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले उसका बिजनेस मॉडल स्टडी करना चाइए।

3. कंपनी के मैनेजमेंट का एनालिसिस करे

दोस्तों किसी भी कंपनी में एक सीईओ और कई तरह के टॉप कर्मचारी होते है जो की कंपनी के बारे में बड़े बड़े निर्णय लेते है, जिन्हे मैनेजमेंट कहा जाता है। इस तरह यदि आप किसी शेयर में  इन्वेस्ट करना चाहते है तो कंपनी के मैनेजमेंट का एनालिसिस करना सबसे जरूरी स्टेप होता है।

इस स्टेप में आपको कंपनी के सीईओ और प्रमोटर्स के बारे में जानकारी पता करनी होती है की कंपनी के टॉप लोग कितने सक्षम है, उनका बिजनेस एक्सपीरियंस क्या है, वो कितने समय से बिजनेस कर रहे है, उनके बारे में न्यूजपेपर में कैसी न्यूज आती है, वो कौन कौनसी कंपनियां संभाल रहे है।

एक उदाहरण के साथ बात करे तो –
मुकेश अंबानी एक जानेमाने बिजनेस मैन है और उनके बारे में सभी लोग जानते है। उसी तरह सर रतन टाटा भी एक फेमस बिजनेस मैन है जो कई सालों से बिजनेस कर रहे है और लोग उन पर भरोसा करते है। इसलिए जब भी ये लोग कोई नई कंपनी लॉन्च करते है तो उसका मैनेजमेंट देखने की जरूरत नहीं होती है।

लेकिन अगर आप एक ऐसी कंपनी में इन्वेस्ट करने का सोच रहे है जो की अभी मार्केट में नई नई है और लोगों को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आपको निश्चित रूप से मैनेजमेंट का एनालिसिस करना चाइए, क्योंकि यही वो लोग होते है जो की कंपनी को चलाते है और उसे सफल बनाते है या पूरी तरह से  बर्बाद कर देते है।

यदि आपको लगता है की किसी कंपनी के मैनेजमेंट का पास्ट रिकॉर्ड अच्छा नहीं है, और उनका एक्सपीरियंस भी कम है, इनकी वजह से पहले भी कंपनी को नुकसान हो चुका है, या इन्होंने पहले भी और कंपनी में घोटाले किए है तो आपको ऐसी कंपनियों में इन्वेस्ट करने से बचना चाइए।

4. प्रमोटर होल्डिंग चेक करे

दोस्तों जब आप शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने का सोचे तो उसमे प्रमोटर की होल्डिंग जरूर चेक करे, इसका मतलब है की उस कम्पनी के मैनेजमेंट ने कितना पैसा इन्वेस्ट किया हुआ है।

यदि समय के साथ साथ प्रमोटर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे है तो यह अच्छा संकेत होता है, और इसका मतलब है की कंपनी के मैनेजमेंट और प्रमोटर को कंपनी पर पूरा भरोसा है। वहीं पर यदि समय के साथ साथ प्रमोटर अपने शेयर बेच रहे है और अपनी हिस्सेदारी घटा रहे है तो यह चिंता की बात होती है, इससे यह संकेत मिलता है की प्रमोटर को खुद ही अपनी कंपनी पर भरोसा नहीं है।

दोस्तों यदि आप किसी छोटी और मीडियम साइज की कम्पनी में इन्वेस्ट करने का सोच रहे है तो उसमे कम से कम 40 से 50 परसेंट हिस्सेदारी प्रमोटर के पास होनी चाइए, अगर इसे भी ज्यादा है तो और भी अच्छी बात है। वहीं पर यदि आप किसी बैंक का एनालिसिस कर रहे है तो उसमे कम से कम 15 से 20 परसेंट होल्डिंग प्रमोटर के पास होनी चाइए, क्योंकि बैंकों में ज्यादा प्रमोटर होल्डिंग रखने की परमिशन नही होती है।

इस तरह यदि कंपनी के प्रमोटर समय के साथ अपनी होल्डिंग कम कर रहे है तो आपको ऐसी कंपनी में इन्वेस्ट नही करना चाइए।

5. म्यूचुअल फंड, FII या DII और इंश्योरेंस कंपनी की होल्डिंग चेक करे

दोस्तों आपको कंपनी का एनालिसिस करते समय कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न भी जरूर चेक करना चाइए, इसका मतलब है की उसमे म्यूचुअल फंड और विदेशी निवेशकों ने कितना पैसा लगाया हुआ है। कंपनी में म्यूचुअल फंड और विदेशी निवेशक जितने ज्यादा होते है वो कंपनी उतनी ही स्ट्रॉन्ग मानी जाती है।

क्योंकि दोस्तों म्यूचुअल फंड के पास बहुत बड़ी टीम और पढ़े लिखे लोग होते है जो की बहुत मेहनत करके कंपनी के बारे में रिसर्च करते है, उसका डाटा पढ़ते है, रिपोर्ट पढ़ते है उनको दिन रात काम होता है। इतना एनालिसिस करने के बाद वो किसी कंपनी में इन्वेस्ट करते है।

बहुत से म्यूचुअल फंड का कंपनियों से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट होता है, इस वजह से उनको कंपनी के बिजनेस और फ्यूचर प्लान के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होती है, उन्हे पता होता है की कंपनी भविष्य में कौनसा प्रोडक्ट लॉन्च करने वाली है और कंपनी का मेनेजमेंट कितना स्ट्रॉन्ग और ईमानदार है।
इसलिए यदि किसी कंपनी में अच्छी खासी होल्डिंग म्यूचुअल फंड और विदेशी निवेशकों के पास है तो यह बहुत अच्छा संकेत होता है।

6. कंपनी पर कर्ज नहीं या ना के बराबर होना चाइए

दोस्तों क्या आप ऐसे बिजनेस में इन्वेस्ट करना पसंद करेंगे जो की कर्ज पर चल रहा हो। इसलिए जब आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने का सोचे तो यह जरूर चेक करे की कंपनी पर कितना कर्ज या लोन है। यदि कंपनी ने बैंक से या किसी इंस्टीट्यूशन से ज्यादा लोन लिया हुआ है तो ऐसी कंपनियों में इन्वेस्ट करने से बचना चाइए।

लेकिन क्या लोन लेना बुरी बात होती है? दोस्तों ऐसा नहीं है, बहुत सी बार कंपनियों को छोटे मोटे कामों के लिए लोन लेना पड़ता है, लेकिन उस लोन के पैसे का सही उपयोग होना चाइए। बहुत सी बार कंपनी को बहुत सस्ते ब्याज पर लोन मिल जाता है जिसका इस्तेमाल वो कई अच्छे कामों और कंपनी को बढ़ाने में करते है। इसलिए कंपनियों के लिए लोन लेना गलत बात नही होती है।

लेकिन में आपको यह समझाने की कोशिश कर रहा हु की कम्पनी पर ज्यादा मात्रा में लोन नहीं होना चाइए, वरना कंपनी के द्वारा कमाया गया पैसा लोन चुकाने में ही चला जाता है और कंपनी की ग्रोथ नही होती है, कंपनी नए प्रोडक्ट नही बना पति है और अपने बिजनेस को बढ़ा नही पति है। इससे शेयर की प्राइस नही बढ़ती है।
इसलिए किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले उसके द्वारा लिए गए लोन पर नजर जरूर डाले।

7. प्रोमोटर के शेयर गिरवी नहीं होने चाइए

दोस्तों बहुत सी बार किसी कंपनी में प्रमोटर की अच्छी खासी होल्डिंग होती है, लेकिन उन्होंने अपने शेयर को किसी बैंक के पास गिरवी रखकर लोन लिया हुआ होता है, जो की गलत संकेत देता है।
दोस्तों यदि आप किसी कंपनी का एनालिसिस करे और आपको पता चले की कम्पनी के प्रमोटर ने अपने अधिकतर शेयर को गिरवी रखा हुआ है और लोन लिया हुआ है तो आपको ऐसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट नही करना चाइए।

यदि कंपनी के प्रमोटर अपने शेयर गिरवी रख देते है तो इससे कई गलत संकेत मिलते है जैसे की –

1. इससे यह संकेत मिलता है की प्रमोटर्स को अपनी कंपनी पर भरोसा नहीं है, इससे इन्वेस्टर की चिंता बढ़ जाती है और शेयर की कीमत गिर सकती है।

2. बहुत सी बार जब प्रमोटर अपना लोन नहीं चुका पाते है तो बैंक उनके द्वारा गिरवी रखे शेयर को बेच देती है, जिससे बाजार में एकदम से उस कम्पनी के शेयर की बाढ़ आ जाती है, और इससे उस शेयर की कीमत कभी भी गिर सकती है और आपको नुकसान हो सकता है।

इसलिए आपको हमेशा चेक करना चाइए की प्रमोटर ने अपने शेयर तो गिरवी नहीं रखे है। लेकिन आप यह डाटा कहां पर चेक करेंगे? इसके बारे में चिंता न करे, अभी आगे पढ़े।

दोस्तों कंपनी के द्वारा गिरवी रखे शेयर की जानकारी आपको NSE की वेबसाइट, moneycontrol जैसी बड़ी बड़ी फाइनेंशियल वेबसाइट और कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट (Annual Report) में आसानी से मिल जाती है।

8. कंपनी कितनी पुरानी है

दोस्तों भारत के शेयर मार्केट में 5 हजार से भी ज्यादा कंपनियां है और हर साल नई नई कंपनियों आती रहती है। इसलिए किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले यह देखना बहुत जरूरी है की कंपनी कितनी पुरानी है और कितने समय से बिजनेस कर रही है।

अगर कोई कंपनी अभी नई नई मार्केट में लिस्ट हुई है तो उसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं होती है, उसकी फाइनेंशियल रिपोर्ट नही होती है इस वजह से उस कंपनी कंपनी के बारे में एनालिसिस करने में बहुत प्रॉब्लम आती है।
कंपनी अभी नई नई लिस्ट हुई है इसलिए अभी उसकी शेयर प्राइस में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को मिलता है।

इसलिए एक रिटेल इन्वेस्टर को नई नई कंपनियों में इन्वेस्ट करने से बचना चाइए किंकी इनमे नुकसान होने के चांस ज्यादा होते है।

9. कंपनी की बैलेंस शीट देखे

किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी बैलेंस शीट देखना बहुत जरूरी है, इससे आपको कंपनी को आर्थिक स्तिथि के बारे में पता चलता है।

बैलेंस शीट देखने से पता चलता है की कंपनी के पास कौन कौनसे एसेट है, कंपनी पर कितना लोन है, मशीन कौन कौनसी है, कंपनी के पास कैश पैसा कितना है, कंपनी के पास स्टॉक कितना है, कंपनी के पास कितने प्लांट और प्रॉपर्टी है और कौन कौनसी जगह पर है।

इस तरह आप कंपनी की बैलेंस शीट पढ़कर इन सभी चीजों का अंदाजा लगा सकते है और पता कर सकते है की कंपनी आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है और उसके पास कितनी संपत्ति है।

दोस्तों किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट उस कम्पनी की वेबसाइट, money control वेबसाइट और स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है और उसका एनालिसिस किया जा सकता है, यदि आपको यह सभी डाटा सही लगता है तो आपको उस कंपनी में इन्वेस्ट करना चाइए।

10. पैनी स्टॉक से बचना चाइये

दोस्तों बहुत सी बार नए इन्वेस्टर कम रेट के शेयर को देखकर आकर्षित हो जाते है, इसकी प्राइस कुछ पैसे या 1 से 2 रुपए के बीच होती है, ऐसे शेयर को पैनी स्टॉक कहा जाता है।
नए इन्वेस्टर को लगता है की इनमे तो कम पैसों में ही बहुत सारे शेयर खरीदे जा सकते है और अगर इसकी प्राइस 1 रुपए से बढ़कर 2 रुपए हो जाती है तो मेरा पैसा दुगुना हो जायेगा। लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं होता है और रिटेल इन्वेस्टर को पैनी स्टॉक में इन्वेस्ट करने से केवल नुकसान ही होता है।

यदि आप एक रिटेल इन्वेस्टर है तो किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले यह भी देखना बहुत जरूरी है की कहीं वो पैनी स्टॉक तो नही है।
पैनी स्टॉक के बारे में आपको कुछ बातें पता होनी चाइए जैसे की –
1. पैनी स्टॉक में आए दिन ही अपर सर्किट और लोअर सर्किट लगता रहता है, जिससे उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाती है और आप चाहकर भी उस शेयर को बेच नही पाते है, इस वजह से बहुत सी बार नुकसान हो जाता है।

2. साथ ही जिन शेयर में सर्किट लगता रहता है वह कंपनियां अस्थिर होती है, इन्वेस्टर को उन पर ज्यादा भरोसा नहीं होता है और उनकि शेयर प्राइस कभी भी गिर सकती है।

3. पैनी स्टॉक को किसी बड़े इन्वेस्टर के द्वारा बहुत ही आसानी से मेनुपुलेट किया जा सकता है, और उसकी प्राइस को बढ़ाया और घटाया जा सकता है।

इन सभी कारणों की वजह से आपको पैनी स्टॉक में इन्वेस्ट नही करना चाइए, यह स्टॉक बहुत रिस्की होते है।

11. जरूरी फाइनेंशियल रेश्यो चेक करे

किसी भी कंपनी का एनालिसिस करते समय और शेयर खरीदते समय कुछ जरूरी फाइनेंशियल रेश्यो को देखना बहुत जरूरी होता है, इनसे हमे कंपनी और उसकी ग्रोथ और आर्थिक स्तिथि के बारे में बहुत सी जानकारी मिलती है।
कुछ जरूरी रेश्यो जो आपको चेक करने चाइए जैसे की-
1. PE Ratio
2. Debt to Equity Ratio
3. EPS (Earning Per Share)

12. कंपनी के फ्यूचर प्लान जरूर चेक करे

किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले उसके फ्यूचर प्लान भी जानना बहुत जरूरी है, की कंपनी फ्यूचर में क्या क्या करने वाली है, क्या वो नए बिजनेस में उतरना चाहती है, नए प्रोडक्ट लॉन्च करना चाहती है या अपने मौजूदा बिजनेस को फैलाना चाहती है, नए प्लांट लगाना चाहती है। इन सब बातों से पता चलता है की कंपनी भविष्य में भी अच्छा परफॉर्म कर सकती है।

किसी कंपनी के भविष्य के प्लान ही तय करते है की आने वाले समय में उसकी शेयर प्राइस कहां तक जा सकती है।
अगर इसे एक उदाहरण से समझे-

ये बात तो हम सभी जानते है की आने वाला समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों का होगा, और कुछ सालों में डीजल और पेट्रोल की गाड़ियां गायब हो जायेगी। इसलिए जो कंपनियां अभी से ही इलेक्ट्रिक सेक्टर पर फोकस करने लग गई है, भविष्य में उनको बहुत फायदा होने वाला है और उनकी शेयर प्राइस भी बढ़ने वाली है।
उसी तरह सरकार भी अब सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी को प्रमोट कर रही है और इसके बारे में नई नई नीतियां बना रही है, इसलिए जो कंपनी अभी से ही रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर फोकस करने लग गई है, उनका फ्यूचर भी बहुत अच्छा है।

इस तरह आपको किसी भी कम्पनी में निवेश करने से पहले उसके फ्यूचर प्लान भी जरूर चेक करने चाइए, इस बात का पता आप न्यूज पढ़कर, और कंपनी की एनुअल रिपोर्ट में लगा सकते है। वहां पर इसके बारे में जानकारी मिल जाती है।

13. इनोवेटिव कंपनियों में निवेश करे

दोस्तों जो व्यक्ति समय के साथ अपने आप को नही बदलता है एक दिन उसका निशान इस दुनिया से मिट जाता है। यही बात शेयर बाजार की कंपनियों पर भी लागू होती है। अगर कोई कंपनी नए नए अविष्कार नही करती है और उसी पुराने तरीके पर काम करती रहती है तो एक दिन वो अपने कंपटीटर से पीछे रह जाती है।

पिछले सालों में ऐसी बहुत सी कंपनियां हुई है जिन्होंने समय के साथ नए नए अविष्कार नही किए और नए प्रोडक्ट नही बनाए जिससे वो डूब गई और आज उनकी मार्केट वैल्यू कुछ भी नही है

इसलिए किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले यह देखना भी जरूरी है की कंपनी अपने रिसर्च पर और नए प्रोडक्ट बनाने पर पैसा खर्च करती है या नहीं।
इसे एक उदाहरण से समझे तो-

1. इन्फोसिस और TCS दोनो ही कंपनियां अपने रिसर्च पर अच्छा खासा पैसा खर्च करती है, ताकि वो नई नई टेक्नोलॉजी बना सके।
2. इसी तरह Cipla और Sun Pharma कम्पनी भी रिसर्च पर बहुत पैसा लगाती है ताकि वो नई नई दवाइयां बना सके।

इस तरह दोस्तों जो कंपनियां हमेशा अविष्कार करती रहती है उनकी ग्रोथ कभी भी नही रुकती है।

14. डिवीडेंड पर नजर डाले

दोस्तों जब कोई कंपनी बिजनेस करती है और उसे प्रॉफिट होता है तो कई बार वो अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा इन्वेस्टर को बांट देती है , जिसे डिविडेंड कहा जाता है।
शेयर मार्केट की सभी कंपनियां डिविडेंड नही देती है, बहुत सी कंपनियां अपने प्रॉफिट को वापस बिजनेस में इन्वेस्ट कर देती है।

आइये इसे एक उदाहरण से समझते है –
मान लीजिये की कोई कंपनी पिछले कुछ समय से लगातार अपने इन्वेस्टर को डिविडेंड दे रही है और अब एकदम से वो डिविडेंड देना बंद कर देती है तो इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है की शायद कंपनी में कुछ प्रॉब्लम चल रही है और शायद इस बार कंपनी को कम प्रॉफिट हुआ है।

लेकिन दोस्तों यह जरूरी नहीं है की जो कंपनी डिविडेंड देती है केवल वो ही अच्छी होती है और जो डिविडेंड नहीं देती है आपको उसमे इन्वेस्ट नहीं करना चाइये। बहुत सी बड़ी बड़ी कंपनियां भी लगातार प्रॉफिट बनाती है लेकिन वो डिविडेंड नहीं देती है बल्कि वो अपने प्रॉफिट को वापस बिज़नेस में इन्वेस्ट कर देती है, जिससे उनको फायदा होता है और इससे शेयर की प्राइस बढ़ती है।

इस तरह किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले आप एक बार उसके डिविडेंड पर नज़र जरूर डाले।

15. प्रॉफिट और सेल्स में ग्रोथ होनी चाइए

दोस्तों बहुत सी बार किसी कंपनी में सब कुछ अच्छा होता है, मैनेजमेंट भी अच्छा होता है, कंपनी रिसर्च भी करती है लेकिन फिर भी उसकी सेल्स और प्रॉफिट नही बढ़ते है। इससे पता चलता है की कंपनी को अपना प्रोडक्ट बेचने में बहुत प्रॉब्लम आ रही है, और उसकी ग्रोथ रुक गई है।

इसलिए जब भी आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने के बारे में सोचे तो यह जरूर देखे की उसकी सेल्स और प्रॉफिट समय के साथ साथ बढ़ते रहने चाइए। इस बात का पता आप कंपनी की एनुअल रिपोर्ट में लगा सकते है।

अगर किसी कंपनी के सेल्स और प्रॉफिट बढ़ते है तो इससे पता चलता है की-
1. कंपनी बाजार में अच्छा परफॉर्म कर रही है और उसके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ रही है।
2. कंपनी का प्रॉफिट लगातार बढ़ने से बड़े बड़े इन्वेस्टर का उस शेयर में विश्वास बढ़ता है, जिससे शेयर प्राइस भी बढ़ती है और इन्वेस्टर अच्छा फायदा मिलता है।
3. लगातार प्रोफिट बढ़ने से पता चलता है की कम्पनी लगातार ग्रो कर रही है।

इसलिए किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले उसके सेल्स और प्रॉफिट को देखना भी बहुत जरूरी है।

16. कंपनी के बारे में हाल ही की न्यूज चेक करे

दोस्तों किसी भी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी रीसेंट न्यूज देखन भी बहुत जरूरी है।

1. कहीं पिछले कुछ दिनों में कंपनी के बारे में, और मैनेजमेंट के बारे में और कंपनी के सेक्टर के बारे में कोई बुरी न्यूज तो नही आई है।
2. कंपनी का मेनेजमेंट तो नही बदल गया है।
3. कंपनी को कोई कॉन्ट्रैक्ट मिला है या कॉन्ट्रैक्ट हार गई है।

इसलिए दोस्तों किसी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले आपको इन सब बातों पर भी एक नजर जरूर डालनी चाइए।

17. कंपनी का साइज जरूर देखे

दोस्तों किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले उसका साइज देखना भी बहुत जरूरी है। कंपनी के साइज का पता उसके मार्केट कैप से चलता है।
1. अगर कंपनी का मार्केट कैप 500 करोड़ से कम है तो वो स्मॉल कैप है।
2. अगर कंपनी का मार्केट कैप 500 करोड़ से 20 हजार करोड़ के बीच है तो वो मिड कैप है।
3. अगर कंपनी का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ से ज्यादा है तो वो लार्ज कैप है।

दोस्तों जो कंपनी जितनी छोटी होती है उसमे उतना ही ज्यादा रिस्क होता है। जब कभी निफ्टी और बैंक निफ्टी इंडेक्स गिरता है तो इन छोटी कंपनियों के शेयर बहुत ज्यादा गिरते है। यदि आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है तब ही आपको स्मॉल कैप कंपनियों में इन्वेस्ट करना चाइए, शॉर्ट टर्म के लिए इन कंपनियों में इन्वेस्ट नही करना चाइए।

इसलिए किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करने से पहर यह जरूर देखे की उस कम्पनी का साइज क्या है और उसमे कितना रिस्क है। इसके बाद अपने रिस्क के हिसाब से ही इन्वेस्ट करे।

अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते है तो आपको लार्ज कैप कंपनियों में इन्वेस्ट करना चाइए, क्योंकि ये कंपनियां स्थिर होती है और मार्केट में होने वाले उतार चढ़ाव का इन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

FAQs

इन्वेस्ट करने के लिए सबसे सुरक्षित शेयर कौनसे है
इन्वेस्ट करने के लिए सबसे सुरक्षित शेयर निफ्टी 50 इंडेक्स वाले है, क्योंकि निफ्टी 50 में केवल देश की टॉप 50 कंपनियां ही होती है जो की सबसे सुरक्षित मानी जाती है।

शेयर खरीदने से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाइए
किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके बिजनेस मॉडल, बैलेंस शीट, मैनेजमेंट, फाइनेंशियल रेश्यो, शेयर होल्डिंग पैटर्न और कंपनी के भविष्य के प्लान के बारे में एनालिसिस करना चाइए।

कंपनी आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है, यह कैसे पता चलेगा?
इसके लिए आप PE रेश्यो देख सकते है, इसके अलावा कंपनी के प्रॉफिट और सेल्स लगातार बढ़ने चाइए, प्रमोटर होल्डिंग और म्यूचुअल फंड होल्डिंग देख सकते है। इन सब बातों से आप कंपनी की आर्थिक स्तिथि का पता लगा सकते है।

कंपनी की बैलेंस शीट और एनुअल रिपोर्ट कहां से डाउनलोड करे।
किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट और एनुअल रिपोर्ट Money Control और कंपनी की खुद की वेबसाइट से फ्री में डाउनलोड की जा सकती है। इसके अलावा Zerodha और Upstox जैसे ब्रोकर भी यह रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर फ्री में देते है, आप वहां से भी इसे डाउनलोड कर सकते है।

यह कैसे पता करे की कंपनी के प्रमोटर्स ने अपने शेयर गिरवी रखे हुए है या नही
इस बात की जानकारी आप Money Control और NSE की वेबसाइट पर पा सकते है। इसके अलावा कंपनी की एनुअल रिपोर्ट में भी इसकी जानकारी दी जाती है।

किसी कंपनी में प्रमोटर, म्यूचुअल फंड और फॉरेन इन्वेस्टर की कितनी हिस्सेदारी है यह कैसे पता चलेगा?
इस बात का पता आप NSE की वेबसाइट और Upstox की वेबसाइट पर लगा सकते है। वहां पर इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।

किसी कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग कितनी होनी चाइए
कंपनी में कम से कम 40 परसेंट हिस्सेदारी प्रोमोटर के पास होनी चाइए, इससे ज्यादा हो तो और भी अच्छा है। प्रमोटर होल्डिंग से ही पता चलता है की उनको अपनी कंपनी पर कितना विश्वास है।

निष्कर्ष

दोस्तों हम उम्मीद करते है की यहां पर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, हमने यहां पर बहुत ही आसान शब्दों में और उदाहरण के साथ समझाने की कोशिश की है की शेयर खरीदने से पहले क्या देखना चाइए।
यदि आप भी एक अच्छी और मजबूत कंपनी ढूंढना चाहते है और उसमे अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है, तो यहां बताए गए सभी प्वाइंट को जरूर चेक करे। बड़े बड़े इन्वेस्टर भी इन सभी बातों का एनालिसिस करके ही अच्छे स्टॉक ढूंढते है और बहुत अच्छा प्रॉफिट बनाते है।

दोस्तों इन सब कामों को करने में समय लगता है और अगर आप अच्छी कंपनियां ढूंढना चाहते है और अपने पैसों को कई गुना बढ़ाना चाहते है तो आपको यह काम करना होगा और समय देकर हर तरह से कंपनी के बारे में रिसर्च करनी होगी, तब जाकर ही आप सही कंपनी ढूंढ सकते है।

हम उम्मीद करते है की यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी, इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे ताकि वो भी रिसर्च करके अपने लिए अच्छी कंपनी ढूंढ सके।

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