दोस्तों अगर आप भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते है या ट्रेडिंग करते है तो आपने सपोर्ट और रेजिस्टेंस का नाम तो जरूर सुना होगा और आपने सोचा होगा की आखिर सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या होता है? और इसका क्या उपयोग है।
दोस्तों आज के समय में बहुत से लोग शेयर मार्केट में इंट्रा डे और ऑप्शन ट्रेडिंग करते है। इसके लिए चार्ट का सही से टेक्निकल एनालिसिस करना पड़ता है तब जाकर ही हम ट्रेडिंग करने के लिए सही शेयर निकाल सकते है और सही जगह पर ट्रेड लेकर पैसे कमा सकते है। दोस्तों इसी तरह सपोर्ट और रेजिस्टेंस भी टेक्निकल एनालिसिस का ही एक हिस्सा है।
बहुत से नए लोगों को शुरुआत में सपोर्ट और रेजिस्टेंस के कांसेप्ट के बारे में पता नही होता है। लेकिन दोस्तों ट्रेडिंग में सपोर्ट और रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन का ज्ञान होना बहुत जरूरी है, यह आपको किसी भी चार्ट का सही एनालिसिस करने में मदद करता है। साथ ही सपोर्ट और रेजिस्टेंस बाजार की चाल को समझने में मदद करते है और सही जगह पर सही निर्णय लेने में भी मदद करते है।
यदि आप भी सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते है और इसकी मदद से ट्रेडिंग करके पैसे कमाना चाहते है तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे है। इस पोस्ट में हमने सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support And Resistance) के बारे में विस्तार से और उदाहरण के साथ समझाया है। इसके साथ ही यह भी बताया है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस कितनी तरह का होता है और ट्रेडिंग में इनका उपयोग कैसे किया जाता है। आइए इनके बारे में जानते है-
दोस्तों सपोर्ट और रेजिस्टेंस दोनो अलग अलग चीजें है और दोनो का अलग अलग उपयोग है। अगर हम दोनो को एक साथ बताएंगे तो आप कन्फ्यूज हो सकते है। इसलिए आइए पहले सपोर्ट के बारे में समझते है और बाद में रेजिस्टेंस के बारे में जानेंगे-
सपोर्ट क्या होता है | Support In Hindi
दोस्तों जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है की यह प्राइस को सपोर्ट यानी सहारा देता है और उसे नीचे नही गिरने देता है। जब किसी शेयर का प्राइस नीचे गिरने लगता है और अगर किसी लेवल पर आकर वापस ऊपर जाने लगता है तो उस लेवल को सपोर्ट कहा जाता है। अगर सीधे शब्दों में बात करे तो सपोर्ट वह लेवल होता है जहां से शेयर का भाव बढ़ना शुरू हो जाता है।
सपोर्ट एक ऐसा प्वाइंट होता है जहां पर खरीदने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है, बड़े बड़े इन्वेस्टर और ट्रेडर इस लेवल पर खरीददारी करने लगते है, इस वजह से शेयर की प्राइस वापस ऊपर की और बढ़ने लगती है।
यह बात तो आप जानते ही है की यदि किसी शेयर की डिमांड बढ़ने लगती है तो उसका भाव ऑटोमैटिक बढ़ जाता है, इसी तरह जब किसी शेयर का प्राइस सपोर्ट के पास आता है तो उसकी डिमांड बढ़ने लगती है और उसकी प्राइस भी बढ़ने लगती है।
सपोर्ट का उदाहरण
दोस्तों आप सपोर्ट की परिभाषा तो जान चुके है लेकिन इसे प्रैक्टिकल रूप में समझना बहुत जरूरी है। आइए सपोर्ट को एक उदाहरण से समझते है-
नीचे दिए गए बैंक निफ्टी के चार्ट को ध्यान से देखे-
चार्ट में आप देख सकते है की जैसे ही प्राइस 47081 के लेवल पर आता है, यह वापस उपर की और जाने लगता है, इसका मतलब है की यह एक सपोर्ट लेवल है।
इस लेवल पर आने से पहले प्राइस गिर रहा था, लेकिन जैसे की प्राइस 47081 के लेवल पर आता है, यह वापस बढ़ने लग जाता है। हम उम्मीद करते है की इस उदाहरण से आपको पता चल गया होगा की एक सपोर्ट लेवल क्या होता है और यह चार्ट पर कैसे दिखता है।
माइनर और मेजर सपोर्ट क्या होता है
दोस्तों अब तक हम जान चुके है की सपोर्ट क्या होता है। सपोर्ट दो तरह के होते है-
1. माइनर सपोर्ट
अगर किसी लेवल से प्राइस केवल 1 या 2 बार ही टकराता है तो उसे माइनर या कमजोर सपोर्ट कहा जाता है। दोस्तों माइनर सपोर्ट कमजोर होता है इसलिए इसे तोड़ पाना बहुत आसान है। यदि मार्केट में भी थोड़ी बहुत भी मूवमेंट आ जाती है तो माइनर सपोर्ट टूट जाते है। आप 1 घंटे या 15 मिनट के चार्ट पर माइनर सपोर्ट लेवल को ढूंढ सकते है।
2. मेजर सपोर्ट
जब शेयर की प्राइस कई बार एक लेवल से टकराती है तो उसे मेजर सपोर्ट कहा जाता है, ये बहुत ही मजबूत होते है। मेजर सपोर्ट को तोड़ पाना मुश्किल काम होता है, लेकिन जब कभी मेजर सपोर्ट टूटता है तो मार्केट में बहुत बड़ी गिरावट आती है। मेजर सपोर्ट लेवल को आप डेली या वीकली चार्ट पर ढूंढ सकते है।
दोस्तों हम आशा करते है की अब आप सपोर्ट के बारे में जान चुके है, आइए अब रेजिस्टेंस के बारे में सीखते है।
रेजिस्टेंस क्या होता है | Resistance In Hindi
दोस्तों रेजिस्टेंस सपोर्ट का बिल्कुल उल्टा होता है, रेजिस्टेंस का अर्थ होता है विरोध करना। जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है की यह प्राइस का विरोध करता है और उसे आगे नहीं बढ़ने देता है।
जब मार्केट मे किसी शेयर का प्राइस ऊपर बढ़ने लगता है तो वो हमेशा ऊपर ही नहीं जाता रहता है, एक ऐसा लेवल आता है जब वह वापस नीचे गिरना शुरू कर देता है, इसे ही रेजिस्टेंस कहा जाता है।
रेजिस्टेंस एक ऐसा लेवल होता है जहां पर बड़े बड़े इन्वेस्टर और अधिकतर लोग बेचने का काम करते है और कम लोग खरीदते है, इस वजह से शेयर का भाव गिरने लगता है। अगर आसान शब्दों में बात करे तो रेजिस्टेंस वह लेवल होता है जहां से शेयर का भाव गिरना शुरू हो जाता है।
रेजिस्टेंस लेवल पर आते ही शेयर की सप्लाई बढ़ जाती है और डिमांड कम हो जाती है, और जब किसी चीज की सप्लाई बढ़ जाती है तो उसके भाव ऑटोमैटिक ही कम होने लगते है।
रेजिस्टेंस का उदाहरण
दोस्तों अब रेजिस्टेंस को उदाहरण की मदद से समझते है ताकि यह आसानी से समझ आ जाए।
इसके लिए आप नीचे दिए गए बैंक निफ्टी के चार्ट को ध्यान से देखे-
दोस्तों जैसा की आप चार्ट में देख सकते है की जैसे ही प्राइस 46298 के लेवल पर आता है, यह वापस से गिरना शुरू कर देता है। यह एक ऐसा लेवल है जो की प्राइस को ऊपर बढ़ने से रोक रहा है, इसका मतलब है की यह एक रेजिस्टेंस है।
इस लेवल पर आने से पहले प्राइस बढ़ रहा था, लेकिन जैसे ही प्राइस 46298 के लेवल पर आता है, यह वापस गिरने लगता है। हम उम्मीद करते है की अब आपको पता चल गया होगा की एक रेजिस्टेंस क्या होता है और यह चार्ट पर कैसे दिखता है। आइए अब आगे बढ़ते है।
माइनर और मेजर रेजिस्टेंस क्या होता है
दोस्तों जैसा की हमने आपको सपोर्ट के बारे में बताया था, उसी तरह रेजिस्टेंस लेवल भी 2 तरह के होते है-
1. माइनर रेजिस्टेंस
जब प्राइस किसी लेवल से 1 या 2 बार टकराकर ही गिरता है तो इसे माइनर रेजिस्टेंस कहा जाता है। माइनर रेजिस्टेंस कमजोर होते है और यह आसानी से टूट जाते है। किसी शेयर के चार्ट में आपको कई माइनर रेजिस्टेंस देखने को मिल जायेंगे।
2. मेजर रेजिस्टेंस
जब प्राइस बार बार किसी लेवल पर आकर गिरने लगता है तो इसे मेजर रेजिस्टेंस कहा जाता है। ये बहुत ही मजबूत होते है और इन्हे तोड़ना मुश्किल काम होता है। लेकिन जब भी कोई मेजर रेजिस्टेंस टूटता है तो मार्केट में एक बड़ा उछाल देखने को मिलता है और शेयर की प्राइस तेजी से बढ़ती है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के प्रकार
सपोर्ट और रेजिस्टेंस किसी भी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए बहुत ही ज़रूरी है। दोस्तों किसी शेयर के चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस कई तरह के होते है। यहाँ पर हम आपको 4 मुख्य तरह के सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में बता रहे है, जिनका उपयोग करके सभी बड़े और छोटे ट्रेडर ट्रेडिंग करते है और अच्छा पैसा कमाते है। आइये इनके बारे में जानते है-
1. हॉरिजोंटल सपोर्ट और रेजिस्टेंस
यह एक फिक्स प्राइस लेवल पर होते है और इन्हे शेयर के चार्ट पर एक सीधी लाइन खींचकर बनाया जाता है। इसके लिए आप नीचे दिया गया बैंक निफ़्टी का चार्ट देखे, इसमें एक हॉरिजोंटल सपोर्ट और रेजिस्टेंस को सीधी लाइन से बनाया गया है।
2. ट्रेंड लाइन सपोर्ट और रेजिस्टेंस
दोस्तों जब कोई शेयर ट्रेंड में होता है तब भी उसमे सपोर्ट और रेजिस्टेंस होते है। आइये इसे एक उदाहरण से समझते है –
जब कोई शेयर अपट्रेंड में होता है यानि ऊपर जा रहा होता है तो वो सीधा ही ऊपर नहीं चला जाता है। पहले वह थोड़ा सा ऊपर बढ़ता है और फिर थोड़ा सा गिरता है, फिर थोड़ा सा ऊपर बढ़ता है और फिर थोड़ा सा गिरता है। इस तरह कोई भी शेयर धीरे धीरे करके ही ऊपर जाता है और गिरते टाइम भी धीरे धीरे ही नीचे आता है।
अपट्रेंड में कोई भी शेयर ट्रेंड लाइन का सहारा लेकर ऊपर जाता है जिसे ट्रेंड लाइन सपोर्ट कहा जाता है। इसी तरह जब कोई शेयर डाउन ट्रेंड में होता है तो वो ट्रेंड लाइन का सहारा लेकर निचे गिरता है, जिसे ट्रेंड लाइन रेजिस्टेंस कहा जाता है।
इसके लिए आप नीचे बैंक निफ़्टी का चार्ट देखे आपको ट्रेंड लाइन सपोर्ट और रेजिस्टेंस समझ आ जायेगा।
जैसा की आप चार्ट में देख सकते है की यह एक डाउनट्रेंड है और जैसे ही प्राइस ऊपर जाने लगता है वह इस लाइन से टकराकर वापस नीचे मुड़ जाता है, इसलिए इसे ट्रेंड लाइन रेजिस्टेंस कहा जाता है। यानी यह शेयर इस ट्रेंड लाइन का रेजिस्टेंस लेकर नीचे गिर रहा है।
जैसा की आप चार्ट में देख सकते है की यह शेयर अपट्रेंड में है यानी ऊपर की और बढ़ रहा है। जैसे ही इसका प्राइस ट्रेंड लाइन के पास आता है यह बढ़ना शुरू हो जाता है, इसलिए इसे ट्रेंड लाइन सपोर्ट कहा जाता है, यानी यह शेयर इस लाइन का सपोर्ट लेकर ऊपर की और बढ़ रहा है।
दोस्तों बहुत से लोगों को कन्फ्यूजन होता है की जब शेयर किसी ट्रेंड में होता है तो कब सपोर्ट देखना चाइए और कब रेजिस्टेंस देखना चाइए। इसका बहुत ही सिंपल जवाब है।
जब कोई शेयर अपट्रेंड में होता है तो आपको सपोर्ट देखना होता है और जब कोई शेयर डाउनट्रेंड में होता है तो आपको रेजिस्टेंस देखना होता है।
हम आशा करते है इन उदाहरण और चार्ट से आपको ट्रेंड लाइन सपोर्ट और रेजिस्टेंस समझ आ गया होगा।
3. मूविंग एवरेज सपोर्ट और रेजिस्टेंस
दोस्तों ट्रेडिंग करने के लिए मूविंग एवरेज का भी बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है, मूविंग एवरेज एक लाइन होती है जो की शेयर की एवरेज प्राइस को बताती है। बहुत सी बार कोई शेयर किसी मूविंग एवरेज की लाइन के सहारे ऊपर बढ़ता और घटता है, इसलिए इसे मूविंग एवरेज सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहा जाता है। इसे समझने के लिए नीचे निफ्टी का चार्ट देखें-
नीचे उदाहरण में निफ्टी का चार्ट दिखाया गया है और साथ में 50 दिन की मूविंग एवरेज की लाइन भी दिखाई गई है। आप देख सकते है की निफ्टी बार बार इस मूविंग एवरेज पर रेजिस्टेंस ले रहा था, लेकिन जैसे ही इसने मूविंग एवरेज के रेजिस्टेंस को ब्रेक किया तो इसने ऊपर की और एक अच्छा मूवमेंट दिखाया।
हम उम्मीद करते है की इस उदाहरण से आपको मूविंग एवरेज सपोर्ट और रेजिस्टेंस समझ आया होगा।
4. साइकोलॉजिकल सपोर्ट और रेजिस्टेंस
दोस्तों शेयर मार्केट में राउंड नंबर वाले प्राइस भी सपोर्ट और रेजिस्टेंस का काम करते है, इन्हे साइकोलॉजिकल सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहा जाता है। बहुत सी बार इन्हे राउंड नंबर सपोर्ट और रेजिस्टेंस भी कहा जाता है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते है-
मान लीजिए की बैंक निफ्टी अभी 40 हजार पर चल रहा है तो 40500, 41000, 41500 वाले सभी नंबर को राउंड नंबर कहा जाता है और यह ट्रेडिंग में सपोर्ट और रेजिस्टेंस का काम करते है।
बहुत सी बार जब किसी शेयर का प्राइस गिरता हुआ राउंड नंबर के पास आता है तो वो वापस बढ़ने लगता है, और यह लेवल एक सपोर्ट की तरह काम करता है।
इसी तरह जब किसी शेयर का प्राइस बढ़ता हुआ किसी राउंड नंबर के पास जाता है तो यह वापस गिरने लगता है, और यह लेवल एक रेजिस्टेंस की तरह काम करता है। इसे समझने के लिए आप नीचे बैंक निफ्टी का चार्ट देखें-
यहां पर आप देख सकते है की शुरू में इस शेयर का प्राइस गिर रहा था लेकिन जैसे ही यह 47000 के राउंड नंबर के पास आता है तो यह वापस से बढ़ना शुरू हो जाता है, इस तरह यहां पर 47000 का यह लेवल सपोर्ट की तरह काम कर रहा है। हम उम्मीद करते है की इस उदाहरण से आपको राउंड नंबर और साइकोलॉजिकल सपोर्ट और रेजिस्टेंस समझ आ गया होगा।
दोस्तों यहां बताए सभी उदाहरणों से आपको पता चल गया होगा की सपोर्ट और रेजिस्टेंस कितने तरह के होते है। आइए अब आगे बढ़ते है।
सपोर्ट ब्रेकडाउन क्या होता है
दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया है की जब भी किसी शेयर का प्राइस गिरता हुआ एक सपोर्ट के आस पास आता है तो यह वापस ऊपर की और मुड़ जाता है और बढ़ने लगता है, लेकिन दोस्तों ऐसा हर बार नहीं होता है। कई बार प्राइस नीचे गिरता हुआ सपोर्ट पर तो आता है लेकिन उसे तोड़कर नीचे चला जाता है, इसे ही सपोर्ट ब्रेकडाउन या सपोर्ट का टूटना कहा जाता है।
जब कोई सपोर्ट टूटता है तो मार्केट में गिरावट आती है, सपोर्ट जितना बड़ा होगा गिरावट भी उतनी ही ज्यादा आयेगी।
इसलिए जब भी किसी शेयर का प्राइस सपोर्ट के आस पास आए तो आपको केवल यह नहीं सोचना है की यह तो सपोर्ट ही लेगा, हो सकता है वो उस सपोर्ट को तोड़ दे। इसलिए आपको सोच समझकर ट्रेड करना पड़ता है।
सपोर्ट ब्रेकडाउन को समझने के लिए आप नीचे बैंक निफ्टी का चार्ट देखें-
जैसा की आप चार्ट में देख सकते है की शेयर की प्राइस ने कई बार इस लाइन पर सपोर्ट लिया है लेकिन एक प्वाइंट पर जाकर इसने इस सपोर्ट को तोड़ दिया, जिसकी वजह से बड़ी गिरावट हुई।
हम आशा करते है की इस उदाहरण से आपको सपोर्ट का ब्रेडकडाउन समझ आया होगा।
रेजिस्टेंस ब्रेकआउट क्या होता है
दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया था की रेजिस्टेंस किसी भी शेयर की प्राइस को ऊपर बढ़ने से रोकता है, लेकिन यह हर बार ऐसा नहीं कर पाता है और एक समय ऐसा आता है जब शेयर की प्राइस रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर चली जाती है, इसे ही रेजिस्टेंस का ब्रेकआउट कहा जाता है और हम कहते है की अब यह रेजिस्टेंस टूट गया है।
जब कोई रेजिस्टेंस टूटता है तो मार्केट में अच्छी तेजी आती है। रेजिस्टेंस ब्रेकआउट को समझने के लिए आप नीचे बैंक निफ्टी का चार्ट देखें-
जैसा की आप देख सकते है की प्राइस ने कई बार इस लाइन पर रेजिस्टेंस लिया है लेकिन एक प्वाइंट पर जाकर प्राइस ने रेजिस्टेंस को तोड़ दिया जिसकी वजह से प्राइस ऊपर की और तेज़ी से बढ़ने लगा। इस डायग्राम से आपको रेजिस्टेंस ब्रेकआउट समझ आ गया होगा।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के लिए टाइम फ्रेम
दोस्तों बहुत से नए ट्रेडर को समझ नही आता है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस को किस टाइम फ्रेम में देखा जाए। शेयर के चार्ट में 1 मिनट, 3 मिनट, 5 मिनट, 15 मिनट, 1 घंटे, 1 दिन जैसे कई टाइम फ्रेम होते है तो आखिर किस टाइम पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखना सही रहेगा। दोस्तों यह बहुत ही आसान है।
यह इस बात पर निर्भर करता है की आप किस तरह की ट्रेडिंग करते है। दोस्तों शेयर मार्केट में लोग कई अलग अलग तरीकों से ट्रेडिंग करते है। बहुत से लोग इंट्रा डे ट्रेडिंग करते है तो बहुत से लोग स्केल्पिंग और स्विंग ट्रेडिंग करते है। इसलिए हर एक व्यक्ति को अपनी अपनी ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से टाइम फ्रेम चुनना होता है। आइए इसे समझते है-
1. यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करते है तो आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखने के लिए 5 मिनट और 15 मिनट के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते है।
2. अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते है और कुछ दिनों या हफ्तों के लिए शेयर खरीदते है तो आप डेली या वीकली टाइम फ्रेम पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस ढूंढ सकते है।
3. यदि आप शेयर मार्केट में स्केल्पिंग करते है तो आप 1 मिनट या 3 मिनट के टाइम फ्रेम पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस ढूंढ सकते है और ट्रेडिंग कर सकते है।
हम उम्मीद करते है की अब आपको समझ आ गया होगा की किस टाइम फ्रेम पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस देखना चाइए।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल कैसे निकाले
दोस्तों अब तक हमने आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में बहुत सी बातें बता दी है। आइए अब जानते है की सपोर्ट लेवल कैसे निकाला जाता है। हम यहां पर आपको निफ्टी का उदाहरण लेकर स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस बता रहे है जिसका उपयोग करके आप किसी भी शेयर या इंडेक्स में सपोर्ट लेवल ढूंढ सकते है। आइए इसके बारे में जानते है-
1. सबसे पहले ट्रेडिंग व्यू की वेबसाइट पर जाकर उस इंडेक्स या शेयर का चार्ट ओपन करे, जिसका आप एनालिसिस करना चाहते है।
2. सबसे पहले डेली चार्ट ओपन करे और मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस निकाले। यह ट्रेडिंग के लिए सबसे जरूरी है।
3. अब अपने ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से सही टाइम फ्रेम चुने। अगर आप स्केल्पिंग करते है तो 1 मिनट या 3 मिनट का टाइम फ्रेम चुने और अगर इंट्रा डे ट्रेडिंग करते है तो 15 मिनट का टाइम फ्रेम चुने। अब इस टाइम फ्रेम पर ऐसे लेवल ढूंढने की कोशिश करे जहां पर शेयर की प्राइस सबसे ज्यादा बार टकराई है। इस तरह आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस के छोटे लेवल भी निकाल सकते है।
अगर आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस निकालने के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आप यूट्यूब पर इसके बारे में वीडियो देख सकते है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस से ट्रेडिंग कैसे करे
दोस्तों अब तक आप जान चुके है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या होते है और ये ट्रेडिंग में ये कितने ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर आप सही तरीके से एनालिसिस करके सपोर्ट और रेजिस्टेंस के सही लेवल निकाल लेते है तो आपका आधे से ज्यादा काम हो जाता है। आइए अब जानते है की सपोर्ट और रेजिस्टेंस का उपयोग करके ट्रेडिंग कैसे की जाती है-
1. जब भी आपको कोई शेयर गिरता हुआ अपने सपोर्ट के पास आता दिखे और यह सपोर्ट लाइन पर एक ग्रीन कैंडल बनाए तो आप इस लेवल पर शेयर को खरीद सकते है और पिछली कैंडल के लो प्वाइंट को स्टॉप लॉस सेट कर सकते है।
इसके अलावा अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो आप इस सपोर्ट लेवल पर कॉल ऑप्शन खरीद सकते है और ट्रेडिंग कर सकते है।
2. अगर आपको कोई शेयर बढ़ता हुआ किसी रेजिस्टेंस के पास आता हुआ दिखे और रेजिस्टेंस लाइन पर एक रेड कैंडल बनाए तो आप इस लेवल पर शेयर को शॉर्ट सेल कर सकते है और पिछले वाली कैंडल के हाई प्वाइंट को स्टॉप लॉस सेट कर सकते है।
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो इस रेजिस्टेंस लेवल पर पुट ऑप्शन खरीद सकते है और ट्रेडिंग कर सकते है।
लेकिन इस बात का ध्यान रहे की आपको उस समय तक इंतजार करना है जब तक शेयर अपने सपोर्ट या रेसिस्टेंस के पास नही आ जाता, बीच में कहीं भी ट्रेड नही लेना है। बहुत से लोगों में धैर्य नहीं होता है और वो जल्दीबाजी में कहीं पर भी ट्रेड ले लेते है, इसलिए इस तरह की गलती न करे।
3. इसके अलावा अगर आपको लगे की किसी शेयर ने सपोर्ट या रेजिस्टेंस को ब्रेक कर दिया है तो आप उल्टी डायरेक्शन में ट्रेड ले सकते है।
इस तरह आप इन सब बातों का ध्यान रखकर और सपोर्ट और रेजिस्टेंस का उपयोग करके ट्रेडिंग कर सकते है।
दोस्तों आपको केवल सपोर्ट और रेजिस्टेंस के आधार पर ही ट्रेडिंग नही करना चाइए बल्कि इसके साथ ट्रेंड लाइन, शेयर का ट्रेंड, वॉल्यूम और प्राइस एक्शन को भी शामिल करके निर्णय लेना चाइए। इससे आपके ट्रेड सही होने और प्रॉफिट होने के चांस बढ़ जाते है।
FAQs
1. सपोर्ट और रेजिस्टेंस कितनी तरह होते है?
दोस्तों सपोर्ट और रेजिस्टेंस कई तरह के होते है जैसे की- होरीजोंटल, ट्रेंड लाइन, मूविंग एवरेज और राउंड नंबर आदि।
2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस किस टाइम फ्रेम पर देखना चाइए?
अगर आप मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखना चाहते है तो आप डेली चार्ट को फॉलो कर सकते है और माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस को 15 मिनट के चार्ट पर देखा जा सकता है।
3. क्या सपोर्ट और रेजिस्टेंस हमेशा काम करते है?
दोस्तों ऐसा नहीं होता है, बहुत सी बार शेयर अपने सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को तोड़ देते है। इसलिए ट्रेडिंग में सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ साथ दूसरी चीजें देखना भी बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते है की इस जानकारी को पढ़कर आपको समझ आ गया होगा की सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या होते है और ट्रेडिंग करने के लिए कितने महत्वपूर्ण है।
दोस्तों आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस की मदद से किसी भी शेयर के कई अच्छे अच्छे लेवल निकाल सकते है और सही टेक्नीक का उपयोग करके ट्रेडिंग कर सकते है। अगर आप ट्रेडिंग में सफल होना चाहते है तो आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
इस पोस्ट में हमने इस टॉपिक को बहुत ही विस्तार से और उदाहरण के साथ समझाया है। अगर आप इसके बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो आप यूट्यूब पर इसके बारे में वीडियो देख सकते है और पेपर ट्रेडिंग से सपोर्ट और रेजिस्टेंस की प्रैक्टिस कर सकते है।